Jivan ye rangmunch mera malik ke hath me, wo mujhe khilaye bna ke khiladi ya rehjau ek anadi , sub malik ke hath me, kru kya, kiya kya jivan hai katputli,dor to hai us malik ke hath me , dana pani kaha ho aur kese sab wo taye karta hai bus aakar mere man me aadesh de deta hai, meri sas meri ruh aur uski khusi malik tere hath me, me na janu teri puja na janu tu hai kha , bus itna me janu iss sristi ko tu hi prabhu chala rha, tu chahta hai jo karwane wahi hota hai iss jag me , mallik sab tere hath me, me bhed hu wo tera jo apne jhund se gya bhatak mujhko ban charwaha tu ab rasta de dikha , ya de mujhe aadesh tu jo chahe jisse bhala ho samaj ka prabhu sab tere hath me , prem bhi , jwani bhi , chahat aur bhudapa bhi rup hai anubhav ke tere, swas bhi samir bhi jharoke hai tere , hum sab katputliya ye jivan rangmunch tera tu jab tak chahe khele isse aur phir tod kar phek de  malik  sab tere hath me , mena chaha kora jivan , mena chaha sara aasman, chaha chahat nam jo  soi dur prai , ab itni hi guzarish hai prabhu le lo mujhe tu apne saran me bna kar das apna tu khel iss rangmunch me.                               
Friday, 16 December 2011
Friday, 9 December 2011
Wednesday, 7 December 2011
DOSTI
एक दोस्त एक दोस्त के लिए क्या होता है | शायद ये अहसास सिर्फ दूरियों में होता है | राधा भी रोती है अपने कृष्ण के लिए पर कृष्ण तो सुदामा के लिए रोता है |
Monday, 5 December 2011
A story of poor child
में उन दिनों 3rd इयर में पढ़ता था और मेरे घर एक गरीब महिला कम करने आती थी ! ताकि वो अपने परिवार का भरण पोसन  कर सके| ये घटना मेरे दिल को छू गया | ये कहानी उस गरीब माँ की है जिसका तिन साल का बेटा उससे खिलोने की जिद करता है | जब एक गरीब औरत का ३ साल का बेटा उससे  कहता है माँ खरीद दे  न रेल अऊ पटरी ओके चलाबू में इहा| तो वह गरीब कहती है बेटा तू त अब पढ़े जबे त ट्रेन से कैसे खेलबे तो उ लड़का बोलता है जाबो टाइम मिली त नई खेलब माँ खरीद दे न | माँ -बेटा जबो पैसा हो जाई न तो खरीद देब , बेटा -नई माँ  खरीद दे न रेल अऊ पटरी बार बार | माँ - चुप रह नई तो मरबो , बेटा - माँ खरीद दे न रेल अऊ पटरी |  उसकी माँ ने मुझसे कहा देखत हो इ लड़का कुछु चीज ला जिदियात जात है | मेरे पास अपने कम के ८० रुपये थे वो मेने उस बच्चे को दे दिए |                                                                                                                                                                                                                                                                                                      
Saturday, 3 December 2011
Q1)क्या होती है वैक्सीन ? Q2)कोवैक्सीन और कोविड शील्ड में आखिर क्या है अंतर ?
क्या होती है वैक्सीन ? 
वैक्सीन या टीका जैविक पदार्थों से बना द्रव्य है।  वैक्सीन शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी कि Immunity को बढ़ाकर शरीर में उत्पन्न होने वाले सूक्ष्मजीवों को नष्ट करने का काम करती है।  वैक्सीन न केवल बीमारी को कंट्रोल करने में मदद करता है बल्कि जिन लोगों में वायरस का संक्रमण अभी नहीं हुआ है उनमें भी इम्युनिटी का विकास कर बीमारी को फैलने से रोकने का काम करता है।  वैक्सीन का अर्थ होता है हमारी बॉडी में जो वायरस एक्टिव है उसके रोक्थाम के लिए काम करना । असल में यह हमारी बॉडी में एंटीबोडी को जन्म देने का कारण बनता है ।
भारत की वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविड शील्ड में आखिर क्या है अंतर ? 
कोविशील्ड :- कोविशिल्ड वैक्सीन वायरस - एडेनोवायरस का उपयोग करके विकसित किया गया है - जो कि चिम्पांजी के बीच आम सर्दी के संक्रमण का कारण बनता है। इसकी आनुवंशिक सामग्री SARS-CoV-2 कोरोनावायरस के स्पाइक प्रोटीन के समान है। स्पाइक प्रोटीन SARS-CoV-2 का हिस्सा है, जिसके उपयोग से वायरस मानव शरीर की कोशिका में प्रवेश करता है। कोविशिल्ड वैक्सीन को एडेनोवायरस के कमजोर संस्करण का उपयोग करके विकसित किया गया है। 
कोवैक्सीन :- कोवाक्सिन वैक्सीन को मृत कोरोनावायरस का उपयोग करके विकसित किया गया है - जिसे चिकित्सा भाषा में "निष्क्रिय" टीका कहा जाता है। निष्क्रिय अवस्था के तहत, वायरस इंजेक्शन लगाने के बाद किसी व्यक्ति के शरीर के अंदर लोगों को संक्रमित करने या उसकी नकल करने में सक्षम नहीं है। लेकिन वैक्सीन का एक शॉट प्रतिरक्षा प्रणाली को वास्तविक वायरस को पहचानने के लिए तैयार करता है और संक्रमण होने पर उससे लड़ता है । 
Friday, 2 December 2011
ma
usko na dekha kabhi par iski jarurat kya hogi , a ma teri surat se achhi bhagwan ki surat kya hogi
DUNIYA MA KUCHH NA MILTA MUFT ME
parishram se safalta milat hai, khojan se mile ram, bhaye se bhaye, dukh se dukh aur hasi se hasi milat hai, aape saktimaye khan, karke milat hai sikh na mile dya ki bhikh, bhikharan iss duniya se kuchh na milta bhikh me, ek path sadhe pathik chale, to mile aasraye jit se, jalim iss duniya me kuchh na milta bhikh me
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Ambikapur, Chhattisgarh, India
DUNIYA MA KUCHH NA MILTA MUFT ME
jalim duniya ma kuchh na milta muft me , dhan se ann ,ann se dhan milta hai; prem se prem na mile, na mile kou aash, mata rhi na data , kuputra bhayo santan
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